अधूरा फ्लाईओवर पूरी लव स्टोरी
(सत्यघटना पर आधारित कहानी)
ये कहानी है हाईटेक सिटी कहे जाने वाली बेंगलुरू की। वो शहर जिसे सिलिकॉन वैली कहा जाता है कि क्योंकि देश की कई IT कंपनियां यहीं काम करती हैं। करीब सवा करोड़ की आबादी वाला ये शहर हजारों प्रेम कहानियों को समेटे है। लेकिन एक बेहद दिलचस्प प्रेम कहानी है दीपक और जया की।
हजारों की भीड़ में दोनों एक दूसरे से अनजान थे लेकिन किस्मत दोनों को साथ खींच लाई। दोनों एक ही आईटी कंपनी में काम करते थे लेकिन दोनों के डिपार्टमेंट अलग-अलग थे। लेकिन दिन हो गया किस्मत कनेक्शन
रात के आठ बजे थे। एक सुनसान सड़क पर एक लड़की गुजर रही थी। आसपास से कई तेज रफ्तार गाड़ियां सर्र से होते हुए निकल रही थीं। तभी एक कार उस लड़की के पास आकर रुकी।
अरे तुम यहां- दीपक ने कार रोक कर जया से पूछा था।
आप कौन? – जया ने पूछा था।
पहचाना नहीं, हम एक ही ऑफिस में काम करते हैं, मैं दीपक- दीपक ने आई कार्ड दिखाते हुए कहा।
ओह, सॉरी मुझे लगा कि. कोई मुझे छेड़ रहा है- जया ने कहा।
अरे नहीं, नहीं, मेरा ऐसा मकसद बिल्कुल भी नहीं है- दीपक ने कहा था।
जया मुस्कुराई।
चलो बॉय, अभी तो निकलता हूं, थोड़ा काम है, वैसे मैं सामने वाले अपार्टमेंट में ही रहता हूं, कोई काम हो तो बता देना। – दीपक ने कहते हुए गाड़ी आगे बढ़ा दी।
जया पतली, लंबी लड़की, यूपी के सीतापुर की रहने वाली थी जो जॉब के लिए हाल ही में बेंगलुरू पहुंची थी। वहीं दीपक दिल्ली का रहने वाला था। जया ने भी जहां फ्लैट रेंट पर लिया था वो जगह भी दीपक के घर से ज्यादा दूर नहीं थी। उस रात को बात आई गई हो गई। लेकिन अगले दिन जया दीपक से फिर से टकराई।
देख लो, पहचान लो फिर मत पूछना आप कौन? – दीपक ने मुस्कुराते हुए कहा।
जय मुस्कुराई।
वैसे भी इतना डरा देने वाले चेहरे को मैं कभी नही भूल सकती, कल तो डरा ही दिया था – जया ने कहा।
डोन्ट वरी, बेंगलुरु में इतनी छेड़छाड़ नहीं है जितनी हमारे नॉर्थ इंडिया में होती है। यहां तुम सेफ फील करोगी। वैसे भी कुछ जरूरत होगी तो बताना- दीपक ने कहा।
श्योर- जया ने कहा।
मैं दीपक. और तुम – दीपक ने कहा।
मैं जया- जया ने हंसते हुए दोस्ती का हाथ दीपक की तरफ बढ़ा दिया था।
उसके बाद से दोनों के बीच वही मजाक-मस्ती शुरू हो गई जैसी दोस्तों के बीच होती है। कभी टकराए तो दोनों मुस्कुरा कर आगे बढ़ जाते थे। वैसे तो दोनों के ऑफिस आने की टाइमिंग अलग-अलग थी लेकिन फिर भी कभी-कभी शिफ्ट मैच कर जाती थीं। ऐसा ही आज का दिन था । आज तो मुसीबत ये कि सारी गाड़ियां जाम में फंसी थीं और तब जया को दीपक का ख्याल आया।
राहुल प्लीज आज मुझे घर तक लिफ्ट दे दोगे, यहां कोई गाड़ी नहीं है – जया ने कहा।
नेकी और पूछ-पूछ, बिल्कुल- दीपक ने कहा था। दोनों साथ ही घर की तरफ निकले थे। रास्ते में भयंकर जाम लगा था। बेंगलुरू में सोनी वर्ल्ड सिग्नल का चौराहे पर दोनों फंसे खड़े थे। अचानक ही बारिश शुरू हो गई। झमाझम बारिश ने जाम की लाइन को और भी बढ़ा दिया। पहले तो ट्रैफिक धीमे चल रहा था अब तो रेंगने लगा।
ये आज इतना ज्यादा जाम क्यों लगा है यहां- जया ने पूछा था।
कुछ तो हुआ होगा रास्ते में- दीपक भी जाम में परेशान था।
यहां रोज ही फंस जाते हैं, आज तो बस हद हो गई है – जया ने सिर पर हाथ मारते हुए कहा।
हां यार ये एजीपुरा का फ्लाईओवर जब से बनना शुरू हुआ है, तब से जाम बढ़ गया है। – दीपक ने जवाब दिया।
हां फ्लाईओवर बन तो फायदे के लिए रहा है लेकिन कुछ करना चाहिए इन्हें ताकि लोगों को परेशानी ना हो- जया ने कहा।
इतना हो जाए तो बात ही क्या है, अभी कोई नेता निकलेगा तो सारी सिस्टम दौड़ पड़ेगा – दीपक ने कहा।
सही में, हम आम लोगो की तो कोई वेल्यू ही नहीं। – जया ने कहा।
इसी तरह काफी देर तक लोगों बातें करते रहें लेकिन गाड़ी कुछ ही दूर आगे बढ़ी।
माई गॉड, आज तो पता नहीं घर कब पहुंचेंगे- जया ने घबराते हुए कहा।
कोई नहीं, तुम सेफ हो- दीपक ने कहा।
दीपक मुझे तुमसे कोई डर नहीं है, समझे, लेकिन डर ये है कि और देर हो गई तो घर में खाना भी नहीं मिलेगा। घर में खाने के लिए कुछ रखा भी नहीं है – जया ने कहा।
ओह, वैसे एक बात कहूं, भूख तो मुझे भी लग रही है, एक काम करते हैं आज यहीं डिनर करते हैं- दीपक ने कहा।
यहीं जाम में ? – जया ने कहा।
डफर, जाम में नहीं यहीं किसी रेस्टोरेंट में, कोई दिक्कत तो नहीं? – दीपक ने कहा।
नहीं बिल्कुल नहीं, बल्कि मैं तो खुद सोच रही थी कि किसी दिन हम साथ चलें .. डिनर पर- जया ने हंसते हुए कहा।
ग्रेट.. वैसे और भी बातें करनी थीं लग रहा है कि ये जाम भगवान ने हमारे लिए ही बनाया है – दीपक ने हंसते हुए कहा। इस बात पर जया खिलखिला कर हंसी। ऐसी हंसी जिसे दीपक देखता ही रह गया। अचानक ही ट्रैफिक के शोर और हॉर्न की आवाजें कहीं पीछे रहे गईं और दीपक की आंखों में प्यार की चमक पैदा हो गई। उसे जया बेहद खूबसूरत लग रही थी।
अगला आधा घंटा लग गया लोगों से लड़-भिड़ कर अपनी रूट चेंज करने में। तब जाकर दीपक मार्केट में पहुंचा और रेस्टोरेंट की तरफ गाड़ी घुमाई। दोनों पहली बार एक साथ थे। किस्मत कनेक्शन डेट पर।
चलो बताओ तुम्हारी क्या हॉबी है- दीपक ने पूछा था।
ट्रैवल, मुझे ट्रेवल बेहद पसंद है, मैं घूमना चाहती हूं – जया ने कहा।
कमाल है, मेरी भी यही हॉबी है – फेवरेट कलर? – दीपक ने हंसते हुए कहा।
ब्लैक- तुम्हारा ? – जया ने पूछा।
मेरा भी ब्लैक – दीपक ने हंसते हुए कहा।
फेवरेट फिल्म- अबकी बार जया ने कहा।
DDLJ- दीपक ने जवाब दिया।
मेरी भी – अबकी बार जया हंसते हुए कहा।
दोनों हंस रहे थे। दोनों के लिए ये डिनर बेहद खास बन गया था। इस डिनर पर दुनिया जहान की बातें हुईं। दोनों ने एक दूसरे को जाना।
चलो अब हमें चलना चाहिए, वर्ना होटल वाला भगा देगा – जया ने कहा।
कोई नहीं, उन्हें भी मौका देना चाहिए, वैसे भी गाड़ी जाम में फंसेगी तो पेट्रोल फुंकना यहां से महंगा ही है – दीपक ने कहा।
दोनों की बातें खत्म नहीं हो रही थी लेकिन रेस्टोरेंट का टाइम खत्म हो गया तो वाकई वेटर ने आकर पूछा। सर लास्ट ऑर्डर कुछ और लेना पसंद करेंगे?
नहीं, अब तो हमें चलना चाहिए – दीपक ने कहा।
अनमने मन से दीपक और जया उठे और गाड़ी में आकर बैठे
जया मेरे लिए ये बेहद शानदार शाम थी, मैंने पहले तुम्हारे साथ क्यों नहीं बैठा। – दीपक ने कहा।
मैं भी , तुम सही में बहुत फनी हो, बहुत इंटरस्टिंग भी बिल्कुल मेरे टाइप- जया ने कहा।
अचानक दोनों की आंखें मिलीं और जुबान बंद हो गई। कुछ देर दोनों एक दूसरे को देखते रहे। दोनों के दिल की धड़कन तेज हो गई थी। फिर कुछ हुआ और दोनों के होंठ आपस में मिल गए। कुछ देर दोनों रेस्टोरेंट के सामने ही गाड़ी में किस रहते रहे।
आई लव यू जया – दीपक के मुंह से निकला।
लव यू टू- जया ने भी तुरंत ही इजहार कर दिया।
इसके बाद दोनों घर की तरफ रवाना हुए। अगले तीन साल तक दोनों डेट करते रहे। इस बीच जया और दीपक दोनों ने कंपनी बदल ली लेकिन इससे उनके दिल का कनेक्शन नहीं टूटा। तीन साल की लंबी डेट के बाद फिर वो दिन भी आया जब रिश्ते को नाम मिल गया। प्यार को दुनिया की मंजूरी मिल गई। मतलब दोनों की शादी हो गई। कहानी की हैप्पी एंडिंग हो गई लेकिन पहले डेट के पांच साल बाद दोनों फिर से उसी जगह जाम में फंसे
हे भगवान, तीन साल डेट, फिर शादी के दो साल, अब भी ये फ्लाईओवर बना नहीं है – जया ने कहा।
इसमें भगवान क्या करेगा, ये तो ठेकेदार को बनाना है, और सरकार को बनवाना है – दीपक ने कहा।
पूरा सिस्टम नाकाम है, काम करने में, सच में –जया बोली।
वैसे तुम सिस्टम की नाकामी कहो मुझे तो लगता है कि भगवान फिर किसी प्यार करने वाले को मिलाना चाहता है शायद- दीपक बोला।
जाम के बीच ही दोनो के चेहरे पर मुस्कान आ गई।